Year: 2021

Astrology

Makar sankranti 2021 mein Graho ki chal ka prabhav

2021 में, आमजन में भय का संचार करने वाले ग्रह – न्यायाधीश शनि देव, स्वराशि मकर में रहेंगे तथा असुर राहु- वृषभ राशि में एवं केतु -वृश्चिक राशि में रहेंगे। परंतु सूर्य आदि ग्रहों के राशि परिवर्तन से गोचर-फल परिवर्तनशील रहेगा।

सूर्य, जो अभी धनु राशि में हैं, 14 जनवरी को मकर राशि में आएंगे। मंगल अभी मेष राशि में है, फिर 22 फरवरी को वृषभ राशि में जाएंगे।बुध 5 जनवरी को ही मकर राशि में आए हैं और 25 जनवरी तक वहीं रहेंगे। बृहस्पति मकर राशि में है। शुक्र, 4 जनवरी को ही धनु में आए हैं, 28 जनवरी को वे मकर राशि में जाएंगे। 7 जनवरी को शनि देव अस्त हो रहे हैं तथा 17 जनवरी को बृहस्पति देव भी अस्त हो जाएंगे।

14 जनवरी को प्रातः काल सूर्य देव के मकर राशि में आते ही चंद्रमा, बुध, गुरु और शनि की सूर्य के साथ युति से पंचग्रही योग बनेगा। यह योग राजनीतिक तथा सामाजिक स्थिति में अराजकता को प्रदर्शित करता है। इसके अतिरिक्त, 11 फरवरी को सूर्य, चंद्रमा, बुध, गुरु, शुक्र व शनि मकर राशि में एक साथ आ जाएंगे। यह षडग्रही योग देश और दुनिया में दशकों तक अपना प्रभाव छोड़ जाएगा। मेदिनी ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार, षडग्रही योग विश्व में राजनीतिक बदलाव लाता है। नारद मुनि कृत “मयूर चित्रम” नामक ग्रंथ के अनुसार, जब सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि आदि ग्रहों में से कोई पांच या छह ग्रह एक ही राशि में आ जाते हैं तब भीषण रक्तपात, प्राकृतिक आपदाएं, विशाल जनहानि के संकेत मिलते हैं।

वर्ष 2019 में भी 26 दिसंबर को षडग्रही योग बना था, जब सूर्य, चंद्रमा, बुध, बृहस्पति, शनि और केतु – सभी छह धनु राशि में थे। इसका कुप्रभाव सारी दुनिया ने देखा। कोरोना महामारी से विश्व अभी भी लड़ रहा है, साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था भी भयंकर मंदी से गुजर रही है।
1962 में, फरवरी माह में मकर राशि में छह ग्रहों की युति हुई थी, जिसके फलस्वरूप अमेरिका और रूस ‘क्यूबा मिसाइल’ संकट में उलझ गए थे। और दशकों तक दोनों महा शक्तियों के मध्य शीत युद्ध की स्थिति बनी रही। वर्ष 1979 में, सिंह राशि में पंचग्रही योगबना, उसके बाद ईरान में इस्लामिक क्रांति हुई। उसके बाद भारत में इस्लामिक आतंकवाद फैला और कई दशकों तक पूरे विश्व ने आतंकवाद का सामना किया।

जनवरी 2021 में मकर राशि में बनने वाला पंचग्रही योग भारत में प्राकृतिक आपदा तथा राजनीतिक- सामाजिक आंदोलनों की आशंका दर्शाता है। मकर राशि में ही, फरवरी 2021 में बनने वाले षडग्रही योग से भी संकट की स्थिति बनेगी। यह योग भारत ही नहीं, अपितु संपूर्ण विश्व में भयंकर जनहानि, युद्ध – आंदोलन को इंगित कर रहा है।

ज्योतिष में मान्यता है, कि यदि एक ही संवत्सर में, कर्क एवं मकर संक्रांति जब एक ही वार पर आती हैं, तो वह राजा के लिए हानिकारक होता है। उस पूरे वर्ष प्रजा में अराजकता, उपद्रव एवं आंदोलन का संयोग बनता है। विक्रम संवत 2077 में मकर संक्रांति बृहस्पतिवार / गुरुवार को आ रही है और इससे पहले कर्क संक्रांति भी गुरुवार को ही आई थी। यह भी भारतीय भूभाग में व्यापक जनहानि की ओर संकेत कर रही है।

परंतु एक अच्छी बात यह है, कि मकर संक्रांति पर्व पर सूर्य देव उत्तरायण होते हैं तथा इस पवित्र दिवस को पूरे भारतवर्ष में अलग-अलग नामों से त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर संपूर्ण उत्तर भारत में तिल,गुड़, ऊनी वस्त्र आदि का दान किया जाता है। हरियाणा और पंजाब में 13 जनवरी की रात को ‘लोहड़ी: मनाई जाती है। उत्तर प्रदेश में 14 जनवरी को ‘गंगा स्नान’, बिहार में ‘खिचड़ी’, महाराष्ट्र मैं ‘गुड़ी पर्व’, पश्चिम बंगाल में ‘गंगा सागर’, तमिलनाडु में ‘पोंगल’, असम में
‘माघ बिहू’, तथा राजस्थान और गुजरात में सकरात के नाम से त्यौहार के रूप में मनाते हैं। परंतु एक चीज जो सभी जगह समान है, वह है –तेल ,गुड़ ,मूंगफली, गर्म वस्त्र आदि का दान।
दान करके अपने शुभकर्मों की वृद्धि करना एक पूर्णतः शास्त्रोक्त उपाय है, जिससे हम आने वाले समय की धार को कुछ कम कर सकते हैं।

राशि के अनुसार, दान की वस्तुएं और मकर संक्रांति का विभिन्न राशियों पर प्रभाव इस प्रकार है:-

मेष राशि:- मेष राशि के जातकों को मकर संक्रांति के अवसर पर गुड और तिल का दान करना चाहिए। इस राशि के जातकों को आर्थिक लाभ की संभावना है, परंतु पिता से उनका मतभेद संभव है।

वृष राशि :- वृष राशि के जातकों को, इस दिन सफेद वस्त्र तथा मिश्री का दान करना चाहिए। इससे इन जातकों के जीवन में सुख समृद्धि आएगी । परंतु जीवन साथी से विवाद हो सकता है । इस अवधि में उनका व्यय अधिक होगा ।आर्थिक निवेश फलदाई होगा।

मिथुन राशि :- मिथुन राशि के जातकों को चावल तथा हरी मूंग की दाल का दान करना चाहिए।संक्रांति के फलस्वरूप उनके वैवाहिक जीवन की समस्याएं समाप्त होगी ।परंतु नौकरी में समस्याएं आने की संभावना है। साथ ही आर्थिक तंगी की भी संभावना है।

कर्क राशि :-कर्क राशि के जातकों को संक्रांति के दिन चावलों का तथा सफेद वस्तुओं का दान करना चाहिए। कर्क राशि के जातकों को संक्रांति के फलस्वरूप मानसिक शांति मिलेगी। उनकी कार्यस्थली में पदोन्नति की संभावना है। साथ ही व्यय में वृद्धि होगी।

सिंह राशि :- सिंह राशि के जातकों को संक्रांति के दिन सोने व ताँबे की कोई वस्तु तथा गेहूं का दान करना चाहिए। संक्रांति के फलस्वरूप सिंह राशि के जातकों का मान सम्मान में वृद्धि होगी। साथ ही पदोन्नति की भी संभावना है।

कन्या राशि कन्या राशि के जातकों को हरा वस्त्र हरी मूंग की दाल तथा पशुओं को हरा चारा दान करना चाहिए। उनके जीवन की कई समस्याएं सुलझ जाएंगी। उनके जीवन साथी को लाभ होने की भी संभावना है।

तुला राशि :- तुला राशि के जातकों को ऊनी कंबल, चीनी आदि का दान करना चाहिए तथा छोटी कन्याओं को खेल जानी चाहिए। इससे उन्हें धन-संपदा की प्राप्ति होगी। परंतु माता की चिंता बनी रहेगी।

वृश्चिक राशि :- वृश्चिक राशि के जातकों को काले तिल, लाल वस्त्र आदि का दान करना चाहिए तथा बंदरों को गुड़ – चना खिलाना चाहिए ।संक्रांति के स्वरूप वृषभ राशि के जातकों के शत्रुओं का नाश होगा तथा उन्हें अपने सगे संबंधियों का भरपूर सहयोग मिलेगा।

धनु राशि धनु राशि के जातकों को गुड़, तिल तथा चावलों का दान करना चाहिए। मंदिर में चने का दान भी करना चाहिए। इससे उन्हें जीवन के सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी तथा आय में वृद्धि होगी।

मकर राशि :- मकर राशि के जातकों को गुड़, तिल, चावल तथा कंबल का दान करना चाहिए। संक्रांति के कारण उनकी नौकरी की सभी समस्याएं समाप्त होगी। परंतु स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों का सामना उन्हें करना पड़ेगा।

कुंभ राशि :- कुंभ राशि के जातकों को खिचड़ी, काली उड़द की दाल तथा काले तिल आदि का दान करना चाहिए । इससे उन्हें सभी प्रकार की व्यापारिक समस्याओं से छुटकारा मिलेगा । परंतु वे कानून तोड़ने से बचें।

मीन राशि मीन राशि के जातकों को चने की दाल चावल, हल्दी, बेसन की मिठाई तथा रेशमी वस्त्रों का दान करना चाहिए ।मीन राशि के जातकों को धन संबंधी लाभ होगा। उनके अधूरे पड़े हुए कार्य पूरे होंगे तथा उनकी आय में वृद्धि होगी।

इसके अतिरिक्त, सूर्य नारायण की कृपा पाने हेतु मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का दान करने से घर में सुख शांति आती है। इस दिन तिल और गुड़ का दान करने से कुंडली में सूर्य और शनि की स्थिति ठीक होती है। जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती या ढैया चल रही हो, तो उन्हें तांबे के पात्र में तिल भरकर दान करना चाहिए। यदि किसी का बुरा समय चल रहा हो, तो उसे नमक का दान करना चाहिए। संक्रांति को घी का दान करने से ‘लक्ष्मी माता’ प्रसन्न होती हैं। अनाज का दान करने से जातकों को ‘मां अन्नपूर्णा’ का आशीर्वाद मिलता है। इस प्रकार, सभी जातक मकर संक्रांति को अपने लिए उत्तम फलदाई बना सकते हैं।

🚩 राम-राम 🚩

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